Not known Facts About भूत की कहानी

अंत में साधू भूत पर काबू पाने की युक्ति निकाल लेता है और सब गांव वालों से कहता है कि ये भूत केवल रात के अंधेरे में निकलता है, जिसका अर्थ है कि इसे दिन की रोशनी से डर लगता है और रोशनी के सहारे ही भूत से छुटकारा पाया जा सकता है। साधू की बात सुनकर सभी गांव वाले मिलकर एक योजना बनाते हैं।

सिमरन ने ये बात अपने गांव जाकर सबको बता दी। पूरे गांव वाले और उसके रिश्तेदार मोहिनी से मिलने के लिए उसी बच्ची के मामा के घर के पास पहुंच गए। उस लड़की के अंदर रह रही मोहिनी की आत्मा ने सबको एक-एक करके पहचान लिया। कुछ देर बातें करने के बाद वो अपने परिवार वालों के साथ अपने घर चली गई।

  लेकिन एक रात जब तुम्हारी मासी सो रही थी तब उन्हें अचानक कोई उनके गर्दन के दायें तरफ धीरे से मुँह से काटने लगा लेकिन जब तुम्हारी मासी ने चिल्लाना चाहा तब वह बोल नहीं पाई लेकिन उससे ठीक से महसूस हो रहा था कि कोई उसके गर्दन को मुँह से लगातार काट रहा था। फिर उसने डरके मारे "ओह साई बाबा" कहके चिल्लाया। तब उस भूत ने उन्हें छोड़ दिया।लेकिन जब तुम्हारे मासाजी ने मासी की आवाज़ सुनते ही लाइट आन की तब तुम्हारी मासी को हैरानी हुवी क्योंकि तुम्हारे मासाजी और भाई दोनों ही उससे काफी दूर में सोए हुवे थे और तुम्हारी मासी चौक गयी जब उसने अपने गर्दनपर हात डाली तब वह गीला था!!!

रात बीतती जा रही थी, और युवक ने एक नए दृष्टिकोण से जीवन को देखना सीख लिया था। राजा की आत्मा ने कहा, “यह जगह सिर्फ भूत-प्रेतों की नहीं, बल्कि जीवित लोगों के लिए भी है। यहां आकर लोग अपने आत्मा के साथ मिलकर जीवन की सच्चाई को समझ सकते हैं।”

एक दिन भूतों के गुरुजी सभी भूतों से मिलने पीपल के पेड़ पर आते है। सभी भूतों को दुबला पतला देखकर उनसे कारण पूछते है। 

सोनू : बंटी मेरे दोस्त बाहर निकलो.. here तुम कहां हो.. कहां हो तुम.. सोनू चीखता रहता है पर कुए से कोई भी आवाज नहीं आती.

Greatest horror story in hindi for youths: गौरब हिमालय के पास के छोटे से गांव में रहता था। उसके गांव के आसपास घने जंगल थे और एक छोटी सि नदी भी पास थी। रात को जंगलों में घूमने वाली आत्माओं और भूतों की कहानियों को सुनते-सुनते गौरब बड़ा हुआ था।

जैसे ही श्राप उठा, वह आत्मा राम और सोनू को उनकी बहादुरी और दया के लिए धन्यवाद दिया, और उस गुफा को छोड़कर हमेशा के लिए चली गई। कुत्ता, जो अब श्राप से मुक्त हो गया था, उसने अपनी पूंछ को कृतज्ञतापूर्वक हिलाकर राम और सोनू को धन्यवाद दिया।

उन्हें एक औरत भी चलती हुई दिखाई दी लेकिन जब उस पर टॉर्च की रोशनी डाली गई तो वह दरवाजे में समा गई.लोगों का मानना है कि वैले हाउस में जितने भी लोगों की मौत हुई आज भले ही वह इंसानी शरीर के साथ इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन आत्मा बनकर वह आज भी यहीं भटक रहे हैं। भूत की कहानी डरावनी।

बहुत से ऐसे लोग हैं जो यह स्वीकार करते हैं कि उन्होंने रूहों को देखा है, लेकिन जिन लोगों का सामना कभी किसी मृत आत्मा या भटकती रूह से नहीं हुआ उनके लिए यह सब बचकानी और मनगढ़ंत बातें भी हैं.

सुबह उठते ही बहुत मेहनत करके रसोई के अंदर गया और सारी चीजों देखी। लेकिन सब कुछ अपने जगह पर थे, वैसे के वैसे ही थे। मुझे बहुत हैरानी हुई।

पहलवान बहुत बलशाली था और बलशाली लोग हमेशा दया करते है। इसलिए पहलवान भूतों की बात मान लेता है। और घर चला जाता है। अब पहलवान अच्छी तरह से बिना मेहनत किए अपनी जिंदगी जीने लगा। लेकिन भूतों को यह सौदा बहुत महंगा पड़ गया। भूत काम कर करके बहुत दुबले पतले हो गए।

ऐसे ही, एक दिन की बात है जब हम सभी खाना खाकर रात में बालकनी में बैठे बातें कर रहे थे कि तभी मेरी मौसी का लड़का हमसे कहने लगा कि किसी में इतनी हिम्मत है कि वो रात के इस समय में इस जंगल के अंदर जाये।

पहलवान के प्रहार से भूतों के गुरु की कई हड्डियां टूट जाती हैं और वह अपने असली रूप में आकर अपनी जान बख्शने का निवेदन करने लगता है। मोहन ने भूतों के गुरु को छोड़ने पर खुद के लिए सजा चुनने के लिए कहा। ऐसे में भूतों के गुरु ने कहा कि उसे बख्शने पर वह राशन की मात्रा दोगुनी कर देगा। भूतों के गुरु की इस बात पर कुछ देर विचार करने के बाद पहलवान उसे छोड़ देता है।

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